अध्याय 27: आशेर

मैं उसके पीछे चलता हूँ।

इस बार चुपचाप नहीं।

जूतों की आवाज़ फर्श पर जोर से पड़ रही है, ताकि उसे सुनाई दे। ताकि उसे पता चले कि कोई उसके पीछे है। ताकि उसे पता चले कि किसी बुरे आदमी के लिए ये आसान न हो।

वह पीछे मुड़कर नहीं देखती।

बस चलते रहती है, अब धीमी चाल में, उसके हुडी के नीचे कंधे सख्त, उसके बालो...

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